सर्च पर गूगल की दादागिरी खत्म करेगा एपल! बना रहा है गूगल का विकल्प

दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल के खिलाफ अमेरिका में एंटीट्रस्ट मुकदमा दर्ज होने के बाद सबसे बड़े स्मार्टफोन निर्माता एपल ने अपने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह अपना खुद का सर्च इंजन बना रहा है ताकि उसके आईफोन समेत अन्य डिवाइस के लिए गूगल पर उसकी निर्भरता खत्म हो सके।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एपल ने सर्च पर गूगल की दादागिरी खत्म करने की शुरुआत भी कर दी है। आईफोन के नए ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 14 में एपल ने अपने सर्च रिजल्ट्स दिखाना शुरू किया है। यह पहली बार है जब एपल के किसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर गूगल के सर्च रिजल्ट नहीं दिख रहे।

क्या यह एपल सर्च की शुरुआत है?

  • लगता तो ऐसा ही है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि आईफोन के नए OS hj जैसे ही यूजर कुछ टाइप करना शुरू करते हैं, उन्हें होम स्क्रीन पर वेबसाइट्स के लिंक डायरेक्ट दिखने लगे हैं। पहले यह सर्विस गूगल सर्च से लिंक थी और रिजल्ट्स गूगल से आते थे।
  • इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वेब सर्च कैपेसिटी एपल के इनहाउस डेवलपमेंट को सामने लाती है। यह गूगल के मुकाबले एपल का अपना सर्च इंजन खड़ा करने की शुरुआत हो सकती है। अब तक यह इंटरनल प्रोजेक्ट गोपनीय रहा है। लेकिन, इस बात के सबूत सामने हैं कि वह गूगल के सर्च इंजन को टक्कर देने की तैयारी में है।
  • आईफोन के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम iOS 14 में गूगल को सर्च फंक्शन से बाहर रखा है। आईफोन की होम स्क्रीन को राइट स्वाइप करने पर सामने आने वाली सर्च विंडो को एपल 'Today View' कहता है। इस पर एपल के जुटाए सर्च सजेशन सामने आते हैं, गूगल के नहीं। इन रिजल्ट्स में ऑटोकम्प्लीट स्टाइल सजेशन भी हैं, जिसे एपल ने जनरेट किया है। इससे साफ है कि वह एक बिलियन यूजर्स की सबसे कॉमन सवालों से सर्च के बुनियादी प्रश्नों के बारे में सीख रहा है।

क्या गूगल के साम्राज्य को चुनौती दे सकता है एपल ?

  • बिल्कुल। करीब ढाई साल पहले एपल ने गूगल के सर्च हेड जॉन जियानेंड्रिया को अपनी टीम से जोड़ा था। तब कहा था कि जॉन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सीरी वर्चुअल असिस्टेंट की क्षमताएं बढ़ाने पर काम करेंगे।
  • जॉन के पास दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन को चलाने का 8 साल का जो अनुभव है, उसका फायदा एपल तो उठाएगी ही। इसके अलावा, एपल ने हाल ही में सर्च इंजीनियर्स के लिए जॉब एडवर्टाइजमेंट्स भी दिए हैं। उसे ऐसे लोगों की तलाश है जो सर्च टेक्नोलॉजी को विकसित और लागू करे।
  • गूगल सर्च को टक्कर देना आसान नहीं है। कई वर्ष लग सकते हैं। वहीं, एपल का इस साल का प्रॉफिट 55 अरब डॉलर है। वहीं नेट कैश रिजर्व है 81 अरब डॉलर का है। उसके पास न तो पैसे की कमी है और न ही क्षमता की, वह लंबे समय तक पैसा लगा सकता है।
  • एपल के पास एक अरब से ज्यादा एपल डिवाइस भी तो है, शुरुआत से ही बड़ा मार्केट शेयर लेने के लिए। गूगल के पूर्व इंजीनियरिंग चीफ और अब सिलिकन वैली के इन्वेस्टर सिकोइया कैपिटल में पार्टनर बिल कोघरन ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, ‘यदि उन्हें (एपल को) लगता है कि उसका अपना सर्च इंजन होना चाहिए, तो इसमें मुश्किल नहीं आने वाली। उसके पास एक भरोसेमंद टीम है और मुझे लगता है कि उनके पास अनुभव भी है और गहराई भी।’

क्या जरूरत पड़ गई है एपल को सर्च विकसित करने की?

इसकी मुख्य तौर पर 3 वजहें हैं:-

  1. एपल ने अपने प्रोडक्ट्स में हमेशा अपने कम्पोनेंट ही रखे हैं। फिर चाहे बात आईफोन से आईपॉड्स और वॉच एसेसरीज को पॉवर देने वाली कस्टम चिप्स की हो या उसके सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के मजबूत इंटिग्रेशन की।
  2. एपल ने एक दशक से ज्यादा वक्त से गूगल को आईफोन का डिफॉल्ट सर्च इंजिन बना रखा है। इसके लिए उसे 8-12 अरब डॉलर का सालाना पेमेंट गूगल करता है। इसी रिश्ते को जस्टिस डिपार्टमेंट ने गूगल के खिलाफ मुकदमे में हथियार बनाया है।
  3. एंटीट्रस्ट मुकदमे में रेगुलेटर्स ऐपल को गूगल से अपने रिश्तों को बचाने या अपने सर्च पार्टनर के खिलाफ खड़े होने को मजबूर कर सकते हैं। ऐसे में ऐपल को अपना सर्च इंजन विकसित करने का विकल्प ज्यादा सुविधाजनक लगेगा।

कैसे पता चला कि एपल सर्च पर काम कर रहा है?

  • सर्च मार्केटिंग एक्सपर्ट्स का दावा है कि पिछले कुछ समय से एपल के वेब क्रॉलर ऐपलबॉट की एक्टिविटी बढ़ गई है। यह बॉट ऑनलाइन सामग्री का डेटाबेस बनाने में इस्तेमाल होता है। यही किसी भी सर्च इंजन की बुनियाद बनता है।
  • डिजिटल मार्केटिंग कंसल्टेंट सुगंथन मोहनदासन का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में उनके क्लाइंट्स की वेबसाइट पर एपलबॉट की एक्टिविटी बहुत ज्यादा दिखी। जब क्रॉल रेट बढ़ता है, तो यह बताता है कि वे ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

गूगल के खिलाफ केस में एपल का क्या नुकसान है?

  • फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में लॉ फर्म क्लिफोर्ड चांस में ग्लोबल एंटीट्रस्ट प्रैक्टिस के को-हेड शैरिस पोजन के हवाले से कहा गया है कि गूगल का केस एपल के लिए भी एक नया मोर्चा खोल सकता है। वैसे भी ऐप स्टोर गेटकीपर की उसकी भूमिका के खिलाफ एपिक गेम्स और अन्य से उसकी लड़ाई चल ही रही है।
  • उनका कहना है कि गूगल के खिलाफ केस में ऐपल केंद्र में है। उसे यह समझाना पड़ेगा कि उसने गूगल से अरबों डॉलर क्यों लिए? जस्टिस डिपार्टमेंट उससे एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट खत्म करने को भी कह सकता है। इससे अन्य कंपनियों को भी आईफोन के सर्च डिफॉल्ट में बराबरी से अधिकार मिल जाएगा।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Bhaskar Explainer: Apple Vs Google: All You Need To Know; Google Anti-trust case | Apple Received Hefty Payments from Google | Why Google Pays Apple? All You Need To Know


from
https://www.bhaskar.com/db-original/explainer/news/bhaskar-explainer-apple-vs-google-all-you-need-to-know-about-apple-search-127857720.html

Post a Comment

0 Comments